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दुर्ग में ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ा… विदेश से लौटे 29 लोगों की पहचान नहीं

दुर्ग   ।  छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह लोगों की लापरवाही है। विदेश से लौटे लोग अब दूसरों की ...



दुर्ग । छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह लोगों की लापरवाही है। विदेश से लौटे लोग अब दूसरों की जान से खेल रहे हैं। जिले में 252 लोग विदेश से लौटे हैं, इनमें से 29 का अभी तक कुछ पता नहीं है। इन लोगों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए एड्रेस तक गलत दिया है। ऐसे में कोरोना टेस्ट तक नहीं हो सके हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार इन लोगों की पहचान करने का प्रयास कर रही है।

दरअसल, जिले के तीन निगम सहित एक पालिका और एक पंचायत का चुनाव है। ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस आशंका से परेशान हैं कि अगर 29 लोगों में से एक भी ओमिक्रॉन वायरस से संक्रमित हुआ तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी। इसे लिए कलेक्टर डॉ. एसएन भुरे ने निगम और स्वास्थ्य विभाग की ट्रेसिंग टीम को लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले जिन लोगों को होम क्वारैंटाइन किया गया है, उनके घरों में होम आइसोलेशन वाले घरों की तरह स्टीकर लगाएं।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को कमजोर करने के लिए व्यापक टेस्टिंग के साथ ही वैक्सीनेशन भी अहम है। इसलिए 15 दिसंबर को वैक्सीनेशन की ड्राइव को बूस्ट करने अभियान आयोजित किया जाए। इसके लिए विभिन्न केंद्र बनाए जाएं। डोर डू डोर कैंपेन कर जिन लोगों का टीकाकरण नहीं उनका कोविड वैक्सीनेशन करें।

अधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि नवंबर माह में कोरोना की दर 0.26 प्रतिशत थी। वह दिसंबर माह में घटकर 0.46 प्रतिशत हो गई है। कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण को रोकने सार्वजनिक स्थलों में मोबाइल टीम भेजकर कोविड टेस्ट अधिक से अधिक करने के निर्देश दिए। बैठक में एडीएम नूपुर राशि पन्ना, पद्मिनी भोई, निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

लोगों तक दवा पहुंचाने के निर्देश
होम आइसोलेशन मेडिकल प्रभारी डॉ. रश्मि भुरे ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए ट्रेसिंग बेहद अहम है। इतना ही नहीं आइसोलेशन में रह रहे लोगों तक दवा पहुंचाना भी जरूरी है। इसके साथ ही स्टीकर लगाने के कार्य की मॉनिटरिंग भी बहुत जरूरी है। कलेक्टर ने इन सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

जिला अस्पताल में होगी कोविड इलाज की विशेष तैयारी

कलेक्टर ने कहा कि तीसरी लहर आने की स्थिति में जिला अस्पताल में कोविड इलाज का विशेष इन्फ्रास्ट्रक्चर होगा। सर्जिकल यूनिट में 80 बेड्स के इस्तेमाल पर भी उन्होंने चर्चा की। उन्होंने मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता, आक्सीजन की उपलब्धता और कोविड ट्रीटमेंट से संबंधित सभी विषयों पर बातचीत की। कलेक्टर ने कहा कि ब्लाक लेवल पर भी कोविड मैनेजमेंट की अच्छी व्यवस्था होगी।

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